मंगलवार, 19 जून 2007

गरीब के लिए महल नहीं बनवा देंगे

NARAD:Hindi Blog Aggregator
इस दुनिया से गरीब-अमीर का भेद
कभी मिट जाएगा यह एक ख्वाब है
दिखाते हैं कई लोग
पर कैसे होगा
इस सवाल का नहीं
उनके पास कोई जवाब है
------------------
वह चिल्ला-चिल्लाकर
गरीब और अमीर का भेद
मिटने का वादा करते हैं
गरीब को दौडाते हैं जुलूस में
अमीरों को कमाने का मौका
खुद ही दिलाते हैं
--------------
गरीबों के झुंड न होंगे तो
अमीरों की पहचान कैसे होगी
अमीरों मे महल नहीं जगमगाएंगे
तो गरीब के घर अँधेरे की
पहचान कैसे होगी
इसीलिये दुनिया भर के गरीबों
जूट रहो अमीर होने की जंग में
कभी न कभी तो तुम्हारी भी
ख्वाहिशें पूरे होंगीं
-------------
वह हर गरीब से वादा करते हैं
उसे अमीर के बराबर बैठा देंगे
पर कभी यह नहीं कहते कि
तुझे अमीर बना देंगे
उसके खोली को जगमगाने का
हमेशा करते हैं वादा
पर कभी यह नही कहते कि
तेरे लिए महल बना देंगे
------------

1 टिप्पणी:

रवि रतलामी ने कहा…

बेहतरीन कविता :)