अपने राज की बात दिल में नहीं रखी
तो और कोई और क्यों रखेगा
जो रहनी थी दिल में उस पर जग हँसेगा
हमदर्द बहुत होते हैं बहुत इस जहाँ में
पर दिल का दर्द कोई नहीं समझता
इश्क और प्यार होते हैं पल भर के
इनके धोखे में जलता है बदन बिना आग के
दिल रहता है जिन्दगी पर तडपता
जो करते हैं इश्क वह दिखाते नहीं
करते हैं प्यार वह मांगते नहीं
होश खोकर यकीन करोगे
खाओगे धोका जरूर इक दिन
औंधे मूंह गिरोगे
तुम्हारे जख्मों पर हर कोई हँसेगा
दिल लगाने की नहीं संभालने की चीज है
चंद प्यार भरे शब्दों में मत बह्को
जिन्दगी में कई बार पीछे कदम
लौटाना हो जाता है मुश्किल
अपने यकीन पर धोखा खाकर रोओगे
पर कोई आंसूं नहीं पौंछेगा
जिसे सुनाओगे दर्द वही हँसेगा
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ऐसे में कहां जायेंगे यार-हिंदी शायरी
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*कहीं जाति तो कहीं धर्म के झगड़ेकहीं भाषा तो कहीं क्षेत्र पर होते लफड़ेअपने
हृदय में इच्छाओं और कल्पनाओं काबोझ उठाये ढोता आदमी ने...
16 वर्ष पहले
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