शनिवार, 8 मार्च 2008

हर सुबह को समझो नई-हिंदी शायरी

रात गयी तो बात गयी
सुबह को कर अब बात नयी
जो पल बीत गया, सो बीत गया
उसे हर हाल में भूलना होगा सही
याद रखने से कोई नहीं है फायदा
वायदे निभाने का नहीं कोई कायदा
समय हमारे रुकने से तो रुक नहीं जायेगा
जो खोये रहे यादों में तो
ज़माना हमसे आगे निकल जायेगा
दिन बहुत लंबा है
पर सुबह का यह खूबसूरत पल
आज फिर वापस नहीं आएगा
इसलिए हर सुबह को समझी नई
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