अपने लिए कितने
संजोने रहोगे सपने
जो कभी नहीं होते अपने
सोते हुए सपने कभी डरा देते हैं
दिन को जो देखे, वह जिन्दगी से हरा देते हैं
अपने हर पल पर नजर रखो
जिन्दगी कितनी भी कठिन हो
लड़ना तुमको है
उत्साह से लडो या निराशा से
सपने कभी पार नहीं लगा देते हैं
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इस जीवन पथ पर
चलना सभी को है
कायर हो या वीर
कुछ यहाँ बैलों की तरह भी चलते हैं
कुछ बनते हैं सारथी और कुछ राजा
खो देते हैं अपने कीमती पलों को
जल्दी-जल्दी तरक्की की खातिर
पर जिन्दगी वही जीते हैं जो होते धीर-गंभीर
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ऐसे में कहां जायेंगे यार-हिंदी शायरी
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*कहीं जाति तो कहीं धर्म के झगड़ेकहीं भाषा तो कहीं क्षेत्र पर होते लफड़ेअपने
हृदय में इच्छाओं और कल्पनाओं काबोझ उठाये ढोता आदमी ने...
16 वर्ष पहले
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