चाहा तो बहुत हमने कि
दोस्तों से बात बन जाये
पर उनकी शर्तों पर खरे नहीं उतर पाए
दिल से बहुत चाहते
पर धन की तराजू पर
कभी नहीं तुल पाते
रूह में है प्यार उनके लिए
पर शब्दों में नहीं घोल पाते
क्योंकि दिल से होते वह सीधे
जुबान पर आते
पर उन्हें पसंद है केवल
अपनी तारीफें सुनना
जो इज्जत दिल से होती है
उसे वह जमीन पर दौड़ते देखना चाहते
कोई लाख कोशिश कर ले हम
दिखावे की राह नहीं चल पाते
इसलिए दोस्तों की भीड़ में भी
हमेशा अकेले ही नजर आये
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ऐसे में कहां जायेंगे यार-हिंदी शायरी
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*कहीं जाति तो कहीं धर्म के झगड़ेकहीं भाषा तो कहीं क्षेत्र पर होते लफड़ेअपने
हृदय में इच्छाओं और कल्पनाओं काबोझ उठाये ढोता आदमी ने...
16 वर्ष पहले
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