मंगलवार, 19 फ़रवरी 2008

अकेले ही नजर आये- हिन्दी शायरी

चाहा तो बहुत हमने कि
दोस्तों से बात बन जाये
पर उनकी शर्तों पर खरे नहीं उतर पाए

दिल से बहुत चाहते
पर धन की तराजू पर
कभी नहीं तुल पाते
रूह में है प्यार उनके लिए
पर शब्दों में नहीं घोल पाते
क्योंकि दिल से होते वह सीधे
जुबान पर आते
पर उन्हें पसंद है केवल
अपनी तारीफें सुनना
जो इज्जत दिल से होती है
उसे वह जमीन पर दौड़ते देखना चाहते
कोई लाख कोशिश कर ले हम
दिखावे की राह नहीं चल पाते
इसलिए दोस्तों की भीड़ में भी
हमेशा अकेले ही नजर आये
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