आज तो हिलोरें ले रहा हैं मन
दिल में खिल रहा है खुशी का चमन
कभी घेर लेता है तनावों का सिलसिला
पर किससे और क्यों करें कोई गिला
अपनी ही गलतियों का जिम्मा लोग
डालते हैं दूसरों पर
क्या यकीन करेंगे हम पर
हमारे गम पर लोग हँसते हैं
खुशी देख कर जलते हैं
इसलिए अच्छा है हम रखें अमन
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चेहरे नहीं बदलते पर लोगों के
कभी दिल बदल जाते हैं
यह आदमी नहीं वक्त का खेल है कि
जो अपने थे कभी अजनबी हो जाते हैं
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ऐसे में कहां जायेंगे यार-हिंदी शायरी
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*कहीं जाति तो कहीं धर्म के झगड़ेकहीं भाषा तो कहीं क्षेत्र पर होते लफड़ेअपने
हृदय में इच्छाओं और कल्पनाओं काबोझ उठाये ढोता आदमी ने...
16 वर्ष पहले
1 टिप्पणी:
बहुत बढिया लिखा है-
चेहरे नहीं बदलते पर लोगों के
कभी दिल बदल जाते हैं
यह आदमी नहीं वक्त का खेल है कि
जो अपने थे कभी अजनबी हो जाते हैं
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